छुट्टी के दिन ये किया करें | अविनाश पाठक | सत्य और युवा



जीवन आसान नही है इसे बुद्धि के द्वारा आसान बनाया जा सकता हैं। 
जीवन को 4 भाग में बाट लो मान लो 100 वर्ष की आयु है (36500 दिन) 
पहले 25 साल सीखने में , शरीर को मानसिक रूप से समझो भावनात्मक रूप को समझो, जितना हो सके किताबों, दूसरे के अनुभवों, यात्राओं से सीखो अपना दिमाग खुला रक्खो फिर 
एक लक्ष्य बनाओ मैने 
अपना लक्ष्य कक्षा 10 मे कर लिया था तब में मात्र 14-15 वर्ष का था। 
लक्ष्य के अनुसार अपने साल, महीने, हफ्ते दिन बात लो बस आनंद रहेगा तुम्हे दो बातें साफ पता होना चाहिए क्या करना है और क्या नही करना है 

जीवन के कई भाग है 
आध्यात्मिक जीवन ( आत्मा) सत्य में श्रद्धा 
सामाजिक जीवन   ( आपका व्यवहार ,मित्र, संबधी) 
पारिवारिक जीवन   (आपका परिवार) 
व्यक्तिगत जीवन     ( आप और आपका साथी) 
व्यवसायिक जीवन ( धन कमाने के लिए) अब नौकरी या व्यापार श्रम जैसे भी पर कभी धन किसी को धोका देकर न आये इतना याद रखना 

अब तुम लड़के हो/ या लड़की तुम्हे ये 5 प्रतिदिन कमाना है 
बल  - शरीरिक बल ( अवियोगा - MMA) 
बुद्धि - ज्ञान जो लक्ष्य के काम आये 
वो ज्ञान किसी काम का नही जो ज्ञान लक्ष्य अनुसार 
विद्या - skills ( जो लक्ष्य के अनुसार) 
 भक्ति - अपने लक्ष्य की ( सत्य की हमेशा) 
धन  -  जरूरत अनुसार,  धन से 
पता से पता लगाया जा सकता हैं की व्यक्ति किस प्रकार का है, दान करने से ही आपकी मानवता और हैसियत का पता लगता हैं ( अविनाश नीति) 


छुट्टी के दिन तुम ये देखो की 
- ये एक दिन स्वयं के लिए, आत्म चिंतन के लिए 
बाकी 6 दिन तो दुनिया मे व्यस्त रहोगे ही 
- क्या तुम सच्चे रहे हो अपने लक्ष्य के प्रति? 
लक्ष्य (शिक्षा, व्यापार, रिश्ता) जो आपका हो 
- पिछले 6 दिन तुमने ये 5 (बल, बुद्धि, विद्या भक्ति धन) कितना कमाया और अगले 6 दिन क्या करना है। 
प्रगति के मार्ग में सत्य और ईमानदारी रहेगी तो हर प्रकार का सुख मिलेगा,  झूठे लोग न सम्मान यहाँ पाते है न स्वर्ग में 


अपने आप को स्वतंत्र करो विचारों से 
खुलकर जियो पर सत्य के साथ अगर तुम ऐसे कार्य कर रहे जो बता नही सकते तो तुम कर क्या रहे? 


लेखक, अधिवक्ता 



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