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मेरे जीवन मे अनुशासन का महत्त्व | अविनाश पाठक

मेरे जीवन में अनुशासन का महत्व था है और रहेगा  कुछ नियम अपने आप आये जैसे  - मैंने अपने जीवन मे ध्रुव तारा और उगता सूरज  हर दिन देखा है  (सुबह 4 बजे जागना)  - हर दिन मैने अवियोग अभ्यास (युद्ध कला) किया (MMA)  - गुरु मंत्र कभी नही भूला 🔱  कुछ बनाये और भी मैंने बनाये  - डायरी लिखना 2012 और इसी साल से झूठ भी नही बोला 😄 क्योंकि 14 साल के अविनाश को सत्यवादी से ज्यादा अच्छा तागतवर कोई नही लगा। One Vs All world दिमाग मे कभी से है  - 2015 मौन व्रत साल में 52 ( UHO tour bharat की बजह से बंद है। जब भारत यात्रा पूरी होगी तब करूँगा शपथ  - 2019 से 52 पुस्तक सालाना पड़ता हूँ हर साल ज्यादा ही हो जाती 100 पेज प्रतिदिन के बजह से  और इसके अलावा जो तुम करते वो भी करता 😁 - 2020 से प्रतिदिन एक लेख लिखा   Sunday for Soul (self)                  ©  From        Avinash Pathak Daily 

कैसे राष्ट्रीय त्योहार मनाना चाहिए

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" किसी भी Social Hero's of Past ( सेनानी, नेता,)   की स्मृति मे क्या होता है | कार्यक्रम,   प्लास्टिक के पोस्टर छपेंगे,  सरकारी कार्यलय छुट्टी पर रहेंगे इससे क्या होगा, प्रदूषण पर खर्चा और देश को आर्थिक नुकसान हमे अपने भूतकाल से सीखना चाहिए, महान स्वतंत्रता सेनानी को याद रखना भी चाहिए पर  जब उनके नाम पर यह वृक्ष लगाएंगे तो  वृक्ष बड़ा होगा , नाम याद भी रहेगा लोग भी जुड़ेंगे और प्रदूषण भी कम होगा।आज पूरे देश मे हजारों टन प्लास्टिक के पोस्टर छापे गए कल सब कचरा ही बनेगे पर UHO के  ये व्रक्ष संदेश भी देंगे और हवा साफ रखेंगे।  देश को जरूरत है तुरंत ही सही कानून और नीतियों को अपनाने की  सभी युवाओं का धन्यवाद जिन्होंने श्रम दान किया  शनिवार समाज के लिए UHO की पहल मे हिस्सा लिया                  - अविनाश पाठक                  राष्ट्रीय अध्यक्ष                     UnitedHumanOrganization ...

मेरे पाठको के लिए संदेश

" धर्म (सत्य) को जानने के लिए मैने ज्ञान योग, भक्तियोग सालों किया, धर्म ग्रंथ पढे, (हर धर्म के) योग किया, मौन साधना  लगभग 2012- 2022  10 वर्ष का भटकाव और इन सभी अनुभवों को अपने लेखन मे रखे हूँ,  2018 से अपनी पहली पुस्तक I have vision of Great Bharat को रोकें हूं  बिना पुस्तको के भी 300+ से अधिक article blogs पर है, प्रयास है जल्द  पुस्तको के रूप मे ला सकू, इतना समय क्यो ले रहा हूं  क्योंकि मेरी लिखी, परिभाषाएं, नीतियां, मैंने स्वयं के जीवन पर प्रयोग की फिर अपने पाठको पर, विज्ञान के रूप मे। बस एक बार भारत यात्रा करलु आप सबके लिए  अपने सारे लेख पुस्तकों के रूप में लाऊंगा।  तब तक अपने प्रयोग करता रहूँगा                      - Avinash Pathak   9242th day