समय मुआवजे का आधार - अविनाश पाठक
पर उसकी कीमत अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती है
उदाहरण के रूप में बताता हूं
अमेरिका में मजदूरी 1 घंटे में $7.2
8 घंटे = $57.6= 4,288.1184
भारत में मजदूरी 8 घंटे ₹300 ( हर प्रदेश मे अलग आकड़े लगभग)
अगर कोई कंपनी ,सरकार या व्यक्ति, किसी व्यक्ति का समय बर्बाद करती है तो उसको कितना हर्जाना देना होगा यह तय है इस आधार पर किया जा सकता है
भारत के लिए
एक मिनट = 1 रुपये ( ₹1440 रुपये दिन) न्यूनतम
1 सेकंड = एक रुपये ( ₹ 86440 दिन )
मेरे लिए
एक मिनट = एक डॉलर
1440 डॉलर = एक दिन = ₹107284 रुपये
एक सेकंड बारबार = एक डॉलर (या दुनिया की सबसे बड़ी कर्रेंसी)
86400 डॉलर = एक दिन
यह मेने माना है मेरा एक एक सेकंड एक पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण है । आप अपनी खुद तय करे
ईश्वर ने मानव को
36500 =(1200 महीने =5200 हफ्ते =100 साल)
दिन दिया है
अगर ढंग से चले तो
इसकी कीमत सबसे ज्यादा है और इसी के अनुसार
अविनाश काल दर्शक, - दुनिया का आखिरी कैलेंडरये कानून के रूप मे होना चाहिए, जब मेरी विचार धारा की सरकार आयेगी तो मेरी पुस्तक के हर सही कानून दुनिया मे होंगे........... यह भविष्य है , यह जरूरी भी है महान भारत
के नागरिक को अपने समय की कीमत जानने से बह हर कार्य को रुचि से करेंगे और सरकारी तंत्र मजबूत होगा
कर्म चारी मे अनुशासन और समय का सम्मान अनिवार्य होगा
कौन देगा ये मुआवजा
उस कर्मचारी के वेतन से और सरकार और कंपनी
जिसकी से समय की बर्बादी हुई है
"समय से ज्यादा कीमती कुछ भी नही, इसका सम्मान करने बाला सम्मान पाता है " - Avinash Pathak
© I HAVE VISION OF GREAT BHARAT का अंश
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