What is perfect Man? How to be perfect Man? Full fledged Human Being?





What is perfect Man? 
How to be perfect Man?  
Full fledged Human Being 


साहस एक गुण हैं जो विकसित किया जाता है सत्य के अभ्यास से ,मैंने एक पंक्ति लिखी थी "सांचा मानव शेर सा झूठा भेड़ सामान" इसका अर्थ मैने समाज मे देखा है  झूठ झुण्ड मे होता है, पर झूठे कभी भी सत्य को हरा नही सकते, मेरे कान को सच सुनना पसन्द आता है, मुह सच बोले तो बोलू आखे सच देखें तो सुकून, गर्व से सिर उठाके एक ईमानदार व्यक्ति ही चल सकता है, 
साहस पुरुषार्थ सच बोलने में लगता है आम भाषा में मर्द का प्रयोग होता है मेरी नजर में शरीर का मांस पेसिया फुलाने, वाला ,सिंगार करने वाला मर्द नहीं । 
पुरुष या मर्द एक उपाधि है जो गुणों के बाद अर्जित की जाती है ,वैदिक काल में पुरुष में 64 कला हो तब वह पुरुष माना जाता था।  शरीर की कद, काठी ,रंग जाति से नहीं यह कर्म के द्वारा अर्जित गुणों पर आधारित होती है, 
, perfect man या (आर्य)  मे इसे alpha हां युवाओं को अपने पुरुषार्थ को जगाना चाहिए अपने अंदर ,ईमानदारी ,सत्य  स्वाभिमान ,दया ,अनुसाशन जैसे भाव और जीवन कलाएं (शस्त्र, शास्त्र, पाक कला,संगीत) सीखनी चाहिए महान देश कोई सीमेंट की इमारते से नहीं  बल्कि महान नागरिकों से बनता है। मेरी इच्छा है पूरी पृथ्वी पर लोग 'पाठक'  (सीखने बाला मानव) एक पूर्ण दुनिया की संकल्पना है यह योद्धाओं के अनुशासन का  मैं पाठक टेंपल के द्वारा करने का सपना है। 
अभ्यास करे, जो भी जैसा भी शरीर है उसे गुणों से पूर्ण करे। 

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