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God bless Great Bharat

"सच बोलना ही मेरा कर्म , धर्म बन चुका है,  सच का विरोधी ही अपराधी है (संविधान अनुसार)  और अविनाशवाद के अनुसार भी कोई भी मानवीय मान्यता जो सही नही है, फिर वो पृथ्वी के किसी भी कोने की हो,  किसी भी 'रिलिजन' मेरा धर्म (अविनाशवाद)  उसे न स्वीकार करेगा।  कोई भी विचार,मांयता 'रिलिजन'  जिसको सत्य का आधार नही उसका खंडन सबकी समान जिम्मेदारी है   हम सब पृथ्वी के मानव है , कर्म हमारी पहचान जिसे समाज मे जाति कहा जाता है यही सनातन सत्य है । " ___________________ - Prophet Of Truth God Bless Great Bharat  #MakeBharatGreatAgain 🇮🇳

Make BHARAT Great Again

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New Era of Politics new slogan 

जिस कदम युवा बड़े उस कदम जमाना है.................

कुछ अपने सभी दोस्तों से कहना चाहता हु, कविता के माध्यम से जो मेरे #महान_भारत के सपने और उसके लोगो का वर्णन कर रही है।  #जिस_कदम_युवा_चले_उस_कदम_जमाना_है।  मुश्किल आयेगी जायेगी  मैने चलना नही छोड़ा,  रण मे रहा अकेला भी,   मैने लड़ना तो नही छोड़ा तुम क्या दे सकते दुनिया ऐसा कुछ प्रयास करो  प्रेम पतंगे बन कर के जीवन का न ह्राश करो।  जन्म मिला है मानुष का कुछ इसका मोल कर कूद जा तू सेवा मे जाति धर्म छोड़कर  पीढ़िया भी करे गर्भ ऐसा कुछ कर जाओ,  क्या ये सही सिर्फ़ अपनों पे ही मर जाओ,  ले मशाल ज्ञान की, अंधेरा भी जायेगा,  आज उनका है तो कल भी तेरा आयेगा।  घर मकान को नही हमे देश को बनाना है,  रुपया सेहत संस्कार सभी को साथ लाना है  चले जहा पे बेटियाँ वो रास्ता बनायेगे  बेटी -बेटा भेद को साथ मे मिटाना है,  जिस कदम युवा बड़े उस कदम जमाना है.................  ✍️ © अविनाश पाठक

मेरे भगवान

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दुनिया में जितने भी मान्नताये हैं सारे इन्सान के द्वारा बनाए रखने गयी है ।में साफ करना चाहता हु भविष्य में कभी द्वंद ना हो इसलिए में अपने इरादे साफ कहना चाहता हु।  जो भी मान्यता जहा पैदा हुई है उसे उसी स्थान पर रहना चाहिए था ।( ईसाई ,इस्लाम और ) पर हर संस्कृति का स्वागत करना ही आर्यव्रत (वर्तमान भारत) की पहचान है । पररिस्थितियो को देखकर लगता है यह साफ करना होगा सत्य बताना होगा ।भारत के दो ही धर्म है पहला है सनातन (प्राकृतिक नियम ) और दूसरा भारतीयता प्राकृतिक नियमो को जो समानता के समर्थन करते है ।  इसके अलावा बाकी सब मान्यताये इसके बाद आई है जो कि इसी का लघु रूप है क्योंकि सनातन नियम केवल सात्विक बुद्धि की समझ मे आते है ऐसा मेरा जीवन के प्रयोग है ।  भारत मे हर धर्म के लोग रह सकते है पर भारत का धर्म एक था एक है और एक रहेगा ।  वर्तमान में हर मान्यता का का रूप विगड़ता जा रहा है क्योकि इंसानों को अपने नाम की चाह में अपना मतलब लगाकर हर धर्म और मान्यताओं को बिगाड़ दिया है । मेरा काम सभी मान्यताओ को सीखकर उनमे सुधार करना है ।जीवन को इसी लक्ष्य में दे रहा हु । मेरा ...